वास्तु पूजा व इसका महत्व... Description Of the Vastu Puja
हर व्यक्ति जब अपना घर बनवाता है तो वह यही सोचता है कि ये घर उसके लिए सुख-समृद्धि और बहुत सारी खुशियां लेकर आए, कई बार ऐसा होता है कि घर बनाते वक्त वास्तु को बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है पर बाद मैं अक्सर हम महसूस करते हैं कि घर में क्लेश रहता है या फिर हर रोज कोई न कोई नुक्सान घर में होता रहता है। किसी भी कार्य के सिरे चढ़ने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। घर में मन नहीं लगता एक नकारात्मकता की मौजूदगी महसूस होती है। इन सब परिस्थितियों के पिछ वास्तु संबंधि दोष हो सकते हैं। हम माने या न माने लेकिन वास्तु की हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका है यह हर रोज हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा होता है। घर में मौजूद इन्हीं वास्तु दोषों को दूर करने के लिये जो पूजा की जाती है उसे वास्तु शांति पूजा कहते हैं। मान्यता है कि वास्तु शांति पूजा से घर के अंदर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं घर में सुख-समृद्धि आती है।
उद्देश्य ..
कई बार अचानक आपको आपकी ये दुनिया रास नहीं आती, घर में क्लेष रहने लगता है और धीरे-धीरे आपके सपने बिखरने लगते हैं। इसका एक मुख्य कारण हो सकता है कि आपने अपने गृह प्रवेश के दौरान जाने अंजाने वास्तु नियमों का पालन न किया हो। वास्तु शास्त्र एक विज्ञान है जो हमारे घर और काम के स्थान पर समृद्धि, मानसिक शांति, खुशी और सामंजस्य को प्राप्त करने में मदद करता हैं। वास्तु हमारे चारों ओर उपस्थित विभिन्न ऊर्जा को इस तरीके से कवच के रूप में पिरोता है कि व्यक्ति सदभाव से रहता हैं इसलिये यदि आप धार्मिक हैं, शुभ-अशुभ में विश्वास रखते हैं तो गृह प्रवेश से पहले पूजा जरुर करवायें।
क्या है वास्तु शांति पूजा- ...
कई मह्त्वपूर्ण कार्यो जैसे अनुष्ठान, भूमि पूजन, नींव खनन, कुआं खनन, शिलान्यास, द्वार स्थापन व गृह प्रवेश आदि अवसरों पर वास्तु देव पूजा का विधान है। घर के किसी भी भाग को तोड़ कर दोबारा बनाने से वास्तु भंग दोष लग जाता है, इसकी शांति के लिए वास्तु देव पूजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त भी यदि आपको लगता है कि किसी वास्तु दोष के कारण आपके घर में कलह, धन हानि व रोग आदि हो रहे हैं तो आपको वास्तु पूजन करवा लेना चाहिए। किसी शुभ दिन या रवि पुष्य योग को वास्तु पूजन कराना चाहिए, आप जिस ढंग से वास्तु शांति की पूजा करते या करवाते हैं उसे वास्तु की पूजा विधि कहा जाता है। हालांकि वास्तुशास्त्र में कई प्रकार की विधियां व उपाय वास्तु शांति के लिये बताये गये हैं लेकिन यह मुख्यत दो तरह से होती है पहली उपयुक्त पूजा विधि और दूसरी सांकेतिक पूजा विधि।
उपयुक्त पूजा के लिये स्वस्तिवचन, गणपति स्मरण, संकल्प, श्री गणपति पूजन, कलश स्थापन, पूजन, पुनःवचन, अभिषेक, शोडेशमातेर का पूजन, वसोधेरा पूजन, औशेया मंत्रजाप, नांन्देशराद, योग्ने पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, अग्ने सेथापन, नवग्रह स्थापन पूजन, वास्तु मंडला पूजल, स्थापन, ग्रह हवन, वास्तु देवता होम, पूर्णाहुति, त्रिसुत्रेवस्तेन, जलदुग्धारा, ध्वजा पताका स्थापन, गतिविधि, वास्तुपुरुष-प्रार्थना, दक्षिणासंकल्प, ब्राम्हण भोजन, उत्तर भोजन, अभिषेक, विसर्जन आदि प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वहीं सांकेतिक पूजा में कुछ प्रमुख क्रियाएं ही संपन्न की जाती हैं जिन्हें नजरअंदाज न किया जा सके। लेकिन वास्तु शांति के स्थायी उपाय के लिये विद्वान ब्राह्मण से पूरे विधि विधान से उपयुक्त पूजा ही करवानी चाहिये, वास्तुपूजन से एक दिन पहले ही सारे घर की अच्छे से धुलाई करनी चाहिए। रंगोली, बंदनवार व पुष्पों से घर को सजा दिया जाना चाहिए। वास्तुपूजन विधि में वास्तुमंडल का निर्माण करना चाहिए। वास्तुचक्र का निर्माण करना चाहिए, वास्तुपूजन वाले दिन पति और पत्नी को उपवास रखना चाहिए। उपवास अपनी शक्ति के अनुसार किया जाना चाहिए। फल, दूध और सूखे मेवे का आहार लेने से उपवास नहीं टूटता है। वास्तु पूजन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भोजन किया जा सकता है।
Time And Other Puja Rituals Details Find below Muhurat and Work Place Details
ब्रह्मा, विष्णु, महेश अन्य सभी देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ वास्तु की पूजा भी जाती हैं। वास्तु पूजा से वातावरण में फैली हुई सभी बाधाओं को खत्म किया जा सकता है अन्यथा जीवन जीने में बाधा उतपन्न हो सकती हैं। वास्तु अनहोनी, नुकसान और दुर्भाग्य से भी बचाता है, यदि आप भी वास्तु शांति करना चाहते है तो आप हमसे संपर्क कर सकते है, हमारे पास भारत के प्रसिद्द वास्तु एक्सपर्ट्स की टीम है जो आपके इस काम को पूरी तरह से कर सकते है..!!
Auspicious Day | Puja Time | Venue |
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Monday | Morning Time (Avoid Rahukal) | Home |
Thrusday | Morning Time (Avoid Rahukal) | Home |
Friday | Morning Time (Avoid Rahukal) | Home |